आईएएस अधिकारी राहुल संकानूर की कहानी, जो यूपीएससी में 4 बार फेल हुए और फिर इस तरकीब से टॉपर बन गए
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 1 Jan 2022, 11:16 am IST
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हाइलाइट्स
- 2018 बैच के आईएएस अधिकारी राहुल संकानूर यूपीएससी में 4 बार फेल हुए
- अपने पांचवे प्रयास में देश भर में 17 वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की
- उनका मानना है कि यूपीएससी में सबसे जरूरी है परिवार का समर्थन
- आईएएस राहुल राहुल संकानूर , सहायक आयुक्त, लिंगसुगुर, रायचूर जिला
असफलता जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन जो इन असफलताओं से घबराता नहीं है और लगातार लड़ने का साहस बनाए रखता है वो जरूर एक दिन जीत जाता है। क्योंकि सच ये भी है कि कोई भी किला अभेद नहीं होता, बशर्ते भेदने की आपकी रणनीति अचूक हो। आईएएस राहुल संकानूर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा में वो लगतार 4 बार फेल हुए, लेकिन साहस के साथ लड़ने का हुनर उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने अपनी कमियों पर काम करते हुए एक अचूक रणनीति बनाई। और आखिरकार साल 2018 में अपने पांचवे प्रयास में देश भर में 17 वीं रैंक के साथ यूपीएससी पास करते हुए वो सफल हुए।
राहुल मानते हैं कि यूपीएससी यात्रा में अनुशासन बहुत जरूरी है, क्योंकि यहां खो जाने का डर भी बहुत है। लेकिन अगर मुश्किलों से घबराएं बिना धैर्य के साथ तैयारी की जाए तो सफलता निश्चित है। वह वर्तमान में कर्नाटक के रायचूर जिले में लिंगसुगुर के सहायक आयुक्त के रूप में तैनात हैं।
शुरुआत
राहुल मूलरूप से कर्नाटक के हुबली जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता एसवी संकानूर एक सरकारी कर्मचारी हैं। राहुल ने इंटर की पढ़ाई के बाद इंजीनियरिंग करने का फैसला किया। उन्होंने बैंगलोर के आर वी कॉलेज से अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद 2 साल तक एक आईटी कंपनी में नौकरी की। लेकिन इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बना लिया और एक अच्छी सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी।
परिवार का समर्थन
राहुल की यूपीएससी की यात्रा में उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा। अपने परिवार के हर कदम पर समर्थन की वजह से ही राहुल कई बार फेल होने के बाद भी सफल हो पाए। उनका मानना है कि जब आपका परिवार आपके साथ हो तो आपकी हिम्मत बढ़ जाती है। राहुल कहते हैं कि पहले पापा कहते थे पढ़ लो और फिर एक वक्त आया जब वो कहने लगे कि इतना मत पढ़ो। वहीं कई बार असफल होने के बाद एक पड़ोसी ने उनके पिता से कहा कि लगता है आपका बेटा ठीक से पढ़ नहीं रहा। उनके पिता ने राहुल का तुरंत बचाव करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है, वह पढ़ रहा है। इसलिए यूपीएससी जैसी यात्रा में परिवार का सहयोग हर कदम पर जरूरी है।
यूपीएससी तैयारी
राहुल को 5 साल की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद सफलता मिली। इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से बात करते हुए वो कहते हैं, “मैं कई जगह गलतियां कर रहा था, कई प्रयासों के बाद मुझे यह पता चल पाया कि गलतियां क्या हैं। फिर जो भी गलतियां थी उन्हें दूर करने का प्रयास किया।”
शुरूआत में राहुल ने दो बार परीक्षा के तीनों स्तर यानी प्री, मेंस और इंटरव्यू पास किए, लेकिन फाइनल सिलेक्शन नहीं हुआ। राहुल ने 2015 की यूपीएससी परीक्षा में प्री और मेंस पास करते हुए इंटरव्यू दिया था। लेकिन अंतिम परिणाम जब आए, तब उनका चयन नहीं हुआ। वहीं, अगली बार में तो वो प्री भी पास नहीं कर पाए। इस तरह लगभग 5 साल के कड़े संघर्ष के बाद उन्हें सफलता मिली। उनका वैकल्पिक विषय एंथ्रोपोलोजी (मानव विज्ञान) था।
प्री परीक्षा के लिए राहुल का मानना है कि अपने बेसिक को जितना मजबूत कर सकते हैं, करिए। पिछले सालों के सभी प्रश्न पत्र हल करिए। वहीं, मेन्स परीक्षा के लिए राहुल आन्सर राइटिंग प्रैक्टिस पर पूरा ध्यान देने को कहते हैं। वो कहते हैं कि उनसे यही गलती हुई कि उन्हें लगता था अभी पढ़ाई जरूरी है, इसलिए पढ़ते रहो। परीक्षा में जब जवाब लिखना होगा तो लिख तो लेंगे ही।
राहुल के अनुसार, आपका लिखा हुआ उत्तर तब तक बेहतर नहीं होगा, जब तक आप इसके लिए खूब अभ्यास नहीं करते। राहुल बताते हैं कि उनकी हैंड राइटिंग भी बहुत खराब है, इसलिए मेन्स पेपर में वो बेहतर तरीके से लिख नहीं पाते थे और शायद उनके जवाब प्रभावी नहीं होते थे। उनका सुझाव है कि अपने अभ्यास में अपनी राइटिंग को भी बेहतर करने पर जोर दें।
यूपीएससी उम्मीदवारों को सलाह
राहुल यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सलाह देते हुए कहते हैं कि यूपीएससी की तैयारी का मतलब सिर्फ किताबी ज्ञान भर नहीं है। यूपीएससी के लिए आपको अपने सम्पूर्ण विकास पर ध्यान देना चाहिए।
वो कहते हैं, “किताबी ज्ञान के अलावा अपने आसपास की घटनाओं पर भी बारीकी से नजर रखिए। यूपीएससी एक लंबा प्रॉसेस है, इसके लिए आपको मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। अन्य एक्टिविटीज के लिए भी समय निकालिए। जब आप अपनी सभी चीजों पर पकड़ मजबूत कर लेंगे, तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक पाएगा।”
राहुल निरंतर पढ़ाई करने पर जोर देते हैं। वो कहते हैं कि अगर आप एक दिन पढ़ाई करोगे और दूसरे दिन नहीं, तो आपका परिणाम बेहतर नहीं हो सकता।
राहुल की एक और सलाह है कि यूपीएससी की तैयारी करते हुए निगेटिव लोगों से जितना दूर रहेंगे, आपके लिए उतना अच्छा है। क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा तमाम अनिश्चितताओं से भरी है और कभी-कभी यहां बहुत अधिक वक्त लग सकता है। ऐसे में लोग आपको डिमोटिवेट करेंगे, लेकिन आपको उन सब को दरकिनार करके सिर्फ लक्ष्य पर निगाह रखनी होगी।
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