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आईआईटी बॉम्बे से पासआउट उज्जैन के यश ढोबले ने AIR 17 के साथ IFS में अपनी जगह पक्की की
- Muskan Khandelwal
- Published on 12 Jul 2023, 3:02 am IST
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हाइलाइट्स
- तीन साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने इस्तीफा देकर शुरू की सिविल सर्विस और फॉरेस्ट सर्विस की तैयारी
- उन्होंने आईपीएस महेश भागवत सहित कई सीनियर अधिकारियों और गुरुओं से सलाह लेकर दूसरे प्रयास में पाई सफलता
- वैसे यूपीएससी सीएसई का प्रीलिम्स भी निकाल चुके हैं और सितंबर में देंगे मेन्स, फिर लेंगे अंतिम निर्णय
मध्य प्रदेश के उज्जैन के रहने वाले यश ढोबले ने इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (आईएफएस) परीक्षा 2022 में देश भर में 17वीं रैंक (AIR 17) हासिल करके अपना और अपने माता-पिता दोनों का सपना पूरा किया है। उनका जन्म डॉक्टरों के परिवार में हुआ था। पिता पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं और मां बाल रोग विशेषज्ञ। इसलिए यश का एजुकेशनल बैकग्राउंड मजबूत था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा उज्जैन में पूरी की और 2018 में प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की।तीन साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने 2021 में जीवन में बदलाव लाने का फैसला किया। देशभक्ति की गहरी भावना और राष्ट्र के लिए योगदान देने की इच्छा से प्रेरित होकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी। फिर खुद को सिविल सर्विस एग्जाम (सीएसई) और फॉरेस्ट सर्विस की तैयारी में लग गए। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के लिए यह उनका दूसरा प्रयास था और वह सफल होने के लिए दृढ़ थे!यश को फॉरेस्ट सर्विस में शामिल होने की प्रेरणा समाज में सार्थक बदलाव लाने की उनकी आकांक्षा से मिली। उनका मानना था कि इस प्रतिष्ठित पेशे के माध्यम से देश की सेवा करने से उन्हें अपने लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने इंडियन मास्टरमाइंड्स को बताया कि इंडियन फॉरेस्ट सर्विस को देश में सबसे सम्मानित करियर में से एक माना जाता है, जिसने मुझे इस रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
खुशी
परीक्षा परिणाम की घोषणा ने यश को आश्चर्यचकित कर दिया। खुशी से अभिभूत होकर उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए रिजल्ट की दोबारा जांच की कि कहीं यह कोई सपना तो नहीं। शानदार कामयाबी के बारे में जानकर शुरू से ही उनकी इच्छाओं का समर्थन करने वाले माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उनकी सफलता न केवल उनके खुद के सपने के सच होने जैसी थी, बल्कि उनके माता-पिता की प्रतिष्ठित सेवा में शामिल होने की आकांक्षाओं को साकार करने जैसी भी थी।वैसे तो यश का ध्यान फॉरेस्ट सर्विस पर रहा है, लेकिन उन्होंने सिविल सर्विसेज के लिए भी परीक्षा दी है। उन्होंने कहा-मैंने इस साल प्रीलिम्स पास कर लिया है और सितंबर में मेन्स में बैठने वाला हूं। आईएफएस और आईएएस के बीच चयन के संबंध में यश ने सीनियर अधिकारियों और अनुभवी प्रोफेशनलों से सलाह लेने की योजना बनाई है, जिन्होंने एक दशक या उससे अधिक समय तक नौकरी की है। उनका मानना है कि अगर वह सीएसई परीक्षा पास कर लेते हैं तो अंतरात्मा उन्हें एक सही करियर चुनने में जरूर मदद करेगी।
ऐसे की तैयारी
उनकी तैयारी की रणनीति सादगी और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के इर्द-गिर्द घूमती थी। उन्होंने बताया, ‘मैंने आईपीएस महेश भागवत सर सहित अपने सीनियर और गुरुओं से सलाह ली और यह सुनिश्चित किया कि मैं बुनियादी बातों को व्यापक रूप से कवर करूं।‘वन सेवा परीक्षा के लिए उनके ऑप्शनल विषय फॉरेस्ट्री और फिजिक्स थे। उन्होंने इन विषयों के लिए विशेष रूप से कोचिंग ली। सिविल सेवा परीक्षा में फिजिक्स को एक सामान्य विकल्प के रूप में चुनना फायदेमंद साबित हुआ। इससे वह एक साथ दो ऑप्शनल विषयों की तैयारी करने से बच गए।अन्य की तुलना में अपेक्षाकृत आसान विषय होने के कारण अंग्रेजी ने यश को असाधारण रूप से अच्छा स्कोर दिलाने में मदद की। ग्रामर की प्रैक्टिस करने और ऑब्जेक्टिव के प्रश्नों को हल करने के प्रति उनका समर्पण रंग लाया। इसके कारण उन्होंने जनरल अंग्रेजी में 172 मार्क्स हासिल किए।
इंटरव्यू
इंटरव्यू राउंड के लिए उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपनी तैयारी का लाभ उठाया। अपने फोकस को तीन भागों में बांटा। उन्होंने अपने विस्तृत आवेदन पत्र (डीएएफ) को बड़े पैमाने पर कवर किया और आईएफएस या आईएएस में शामिल होने के लिए अपनी प्रेरणा, ताकत, कमजोरियों और वर्तमान मामलों के बारे में एचआर-प्रकार के प्रश्नों की तैयारी की। वह अपने आस-पास की ताजा खबरों और घटनाओं से अपडेट रहते थे। हालांकि यश को इंटरव्यू से बहुत उम्मीदें थीं। उन्होंने कहा कि एक निश्चित बिंदु के बाद यह बहुत तथ्यात्मक हो गया।
टिप्स
अपनी यात्रा पर विचार करते हुए यश ने यूपीएससी की तैयारी करने वालों को बहुमूल्य सलाह दी। उन्होंने परीक्षा की खासियत पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि जो एक व्यक्ति के लिए काम करता है वह दूसरे के लिए काम नहीं कर सकता है।इसके अलावा उन्होंने सादगी के साथ तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया। यह स्वीकार करते हुए कि पूरे सिलेबस को कवर करना असंभव है। उन्होंने कहा, ‘अपने प्रयासों पर भरोसा रखें। खुद पर विश्वास बनाए रखें और विश्वास रखें कि आपकी कड़ी मेहनत के पॉजिटिव रिजल्ट मिलेंगे।‘
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