डायनासोर और भूतों पर पूछे गए सवालों के जवाब देकर लखनऊ के आदित्य ने UPSC-2022 में हासिल की शानदार रैंक
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 5 Jun 2023, 9:36 am IST
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हाइलाइट्स
- आदित्य श्रीवास्तव ने UPSC के लिए 2020 में ही छोड़ दी थी MNC की नौकरी, अब मिली 236 रैंक
- इस रैंक के साथ उन्हें इस साल आईएएस नहीं मिल सकता है, इसलिए वह अगले साल भी देंगे सिविल सेवा परीक्षा
- उन्होंने टेस्ट पेपर और मॉक इंटरव्यू पर पूरा भरोसा करते हुए रेगुलर कोचिंग छोड़ दी
किसी बुद्धिमान ने कहा था कि, ‘आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर कदम रखे बिना जीवन में अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर सकते।’ लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक में नौकरी करते हुए इस बात की गांठ बांध ली। वह अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आए। ऐसा रिस्क उठाया, जो उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल सकता है। कहते हैं कि अगर किसी को सच्चे मन से चाहो, तो कायनात भी उसे पूरा कराने की साजिश करती है। आदित्य ने सिविल सेवाओं के लिए अपनी अच्छी सैलरी वाली एमएनसी की नौकरी छोड़ दी। अब उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 236 वीं रैंक के साथ UPSC CSE-2022 को क्रैक कर लिया है।
दरअसल यह सफर गलतियों और कठोर फैसलों से भरा था। फिर भी यह आदित्य थे, जो अपने लक्ष्य से कभी भटके नहीं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ बातचीत में आदित्य ने कहा, “मैं कहूंगा कि इस यात्रा में सीखने के लिए बहुत कुछ है। यकीनन कुछ गलतियां भी हुईं। जैसे कि मैं अपने पहले प्रीलिम्स में फेल हो गया। तब जीवन ने एक सबक सिखाया। तैयारी के लिए नौकरी छोड़ना वास्तव में मेरे लिए कठोर फैसला था।”
अभी तक का सफरः
आदित्य के पिता CAG में असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर हैं। मां गृहिणी हैं। पिता उनके लिए हमेशा ही असली प्रेरणा रहे।
उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा सीएमएस, लखनऊ से पूरी की। फिर 2019 में IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में B.Tech किया। उसके बाद वह बेंगलुरु में एक अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक, गोल्डमैन सैक्स में नौकरी करने लगे। उन्होंने वहां 15 महीने ही काम किया। उन्होंने यूपीएससी सीएसई की तैयारी के लिए 2020 में ही नौकरी छोड़ दी थी।
यूपीएससीः
उनकी पूरी तैयारी लखनऊ में हुई। वह कभी भी टेस्ट सीरीज और मॉक इंटरव्यू को छोड़कर किसी कोचिंग में नहीं गए। उनका जोर पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों (PYQ’S) को हल करने और मेन्स के लिए अधिक से अधिक टेस्ट पेपर लिखने पर था। ऑप्शनल सब्जेक्ट में उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग चुना।
उन्होंने पिछले साल के प्रश्नपत्रों का अध्ययन किया और उसी के अनुसार प्रीलिम्स और मेन्स दोनों के लिए तैयारी की। उन्होंने सिलेबस के हर टॉपिक के नोट्स बनाए।
अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, “दरअसल पहले प्रयास में मैं केवल जानकारी जुटा रहा था। मैंने PYQ’S का विश्लेषण नहीं किया कि UPSC किसी के विश्लेषणात्मक कौशल का परीक्षण करने के लिए स्टेटमेंट को कैसे डिजाइन करता है। यूपीएससी की तैयारी करने वालों को भरमाने के लिए गलत स्टेटमेंट को सही के साथ कैसे मिलाता है और किसी को उसका विश्लेषण कैसे करना चाहिए? मैं स्मार्ट वर्क से ज्यादा हार्ड वर्क कर रहा था। मैंने पहले प्रयास से यही सीखा।”
इंटरव्यूः
उनका इंटरव्यू डीएएफ और करंट अफेयर्स का मिलाजुला था। उनसे उनके शौक, डायनासोर और विकासवादी सिद्धांतों के बारे में सवाल पूछे गए थे। जैसे, “वह कुछ समय पहले मिले डायनासोर के डीएनए के बारे में क्या जानते हैं और इसका क्या महत्व है?”
वहीं उनसे कुछ हैरान कर देने वाले सवाल भी पूछे गए। जैसे क्या वह भूतों में विश्वास करते हैं। वह कहते हैं, “यह दिलचस्प सवाल था, जिसका मैंने जवाब दिया कि हां, मुझे विश्वास है। फिर उन्होंने पूछा क्यों? मैंने कहा कि मैं ईश्वर में विश्वास करता हूं, जो पॉजिटिव एनर्जी है, जो हमें रोशनी दिखाता है। और हमने देखा है कि पॉजिटिव एनर्जी के साथ नेगेटिव एनर्जी की मौजूदगी रहती ही है। इसलिए मैं नेगेटिव एनर्जी में भी विश्वास करता हूं।”
अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी सवाल था। जैसे, “सऊदी अरब और ईरान के सौदे से भारत को कैसे लाभ होगा?”
सुझाव:
यूपीएससी की तैयारी करने वालों को सुझाव देते हुए आदित्य ने कहा, “हर बार नाक कीसीध में चलना ही ठीक नहीं होता। सीनियर और एक्सपर्ट से सुझाव लें। हार्ड वर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क करें। इस तैयारी में पीवाईक्यू को अपना भगवान मानें। उसके हिसाब से ही रणनीति बनाएं और अपने सिलेबस का अच्छी तरह से विश्लेषण करें।
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