Exclusive: चौथी रैंक से खुद चौंक गईं स्मृति मिश्रा
- Muskan Khandelwal
- Published on 25 May 2023, 3:19 pm IST
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हाइलाइट्स
- आगरा की स्मृति मिश्रा ने चौथी रैंक लाकर पास की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा
- स्मृति ने जूलॉजी से स्नातक किया, जो उनका वैकल्पिक विषय भी था
- उन्होंने अभ्यर्थियों से स्नातक करने के बाद ही यूपीएससी की तैयारी शुरू करने को कहा
इस साल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के परिणाम बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थियों के सफल होने के कारण अभूतपूर्व हो गया है। आगरा की रहने वाली स्मृति मिश्रा भी इसमें शामिल हैं। उन्हें देश भर में चौथा स्थान मिला है, जो उनको अविश्वसनीय और अप्रत्याशित लगता है।
आगरा से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्मृति राष्ट्रीय राजधानी आ गईं। यहां सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक मिरांडा हाउस से बी.एससी करने के लिए दाखिला लिया। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी फॉर लॉ में दाखिला ले लिया। इस समय वह एलएलबी अंतिम वर्ष की छात्रा हैं।
स्मृति ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान ही यूपीएससी-सीएसई की तैयारी शुरू की थी। हालांकि, यूपीएससी – 2021 में वह सी-सैट भी नहीं निकाल सकी थीं। उन्हें जीएस में 120 अंक और सीसैट में 63 अंक ही मिले थे। इसलिए तीसरे प्रयास में जब वह देश भर में चौथे स्थान पर रहीं, तो उन्हें खुद यकीन नहीं हो रहा था।
खुशी मिली ऐसी
स्मृति कहती हैं, ‘मुझे सच में चौथी रैंक की उम्मीद नहीं थी, लेकिन मुझे ऐसा लगता था कि इस बार मैं सफल हो जाऊंगी। फिर भी, इस रैंक ने वास्तव में मुझे काफी आश्चर्यचकित कर दिया। रिजल्ट आते ही खुशी का ठिकाना नहीं रहा।’
तैयारी की रणनीतिः
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए स्मृति ने नियमित कोचिंग ली। इससे उन्हें नोट्स बनाने में मदद मिली। इसके साथ ही उन्होंने मानक किताबों का अध्ययन किया। वह हर दिन अखबार पढ़ती थीं। पत्रिकाएं पढ़ कर भी अपडेट रहती हैं। वह कहती हैं, ‘मैंने बहुत सारे नोट्स तैयार किए, क्योंकि यह रिवीजन के दौरान मदद करते हैं। इन्हें सिर्फ पढ़ना नहीं है, बल्कि उन्हें लिख लेना है। यह आपकी याद रखने की शक्ति को बढ़ाता है।’
कैसे संभव हुआ
स्मृति का वैकल्पिक विषय जूलॉजी (जीव विज्ञान) था। उन्होंने इस विषय को इसलिए चुना, क्योंकि उन्होंने इसी विषय से स्नातक किया है। इस विषय में उनकी पकड़ इतनी अच्छी है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में इन्हें दूसरा स्थान मिला था। वह कहती हैं, ‘मुझे पूरा विश्वास था कि मैं अच्छा करूंगी और मैंने जीएस से पहले जूलॉजी की पढ़ाई भी शुरू कर दी थी।’
स्मृति की कानून की पृष्ठभूमि होने के कारण यूपीएससी के इंटरव्यू वाले पैनल ने उनसे पूछा, ‘आप जिंदगी चुनेंगी या कानून?’ उन्हें अपने विस्तृत आवेदन पत्र (डैफ) से संबंधित सामान्य सवालों का सामना करना पड़ा।
ईमानदार रहना होगा
स्मृति अभ्यर्थियों को अपने प्रयासों के प्रति ईमानदार रहने की सलाह देती हैं। वह कहती हैं कि यह एक ऐसी परीक्षा है, जिसमें बहुत अधिक धैर्य की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, ‘नतीजों की चिंता मत करो। समय के साथ सब दिखेगा, क्योंकि मैं लंबे वक्त से इस यात्रा में हूं।’
वह अभ्यर्थियों से यूपीएससी की तैयारी शुरू करने से पहले स्नातक पूरा करने का आग्रह करती हैं। स्मृति कहती हैं, ‘मैं वास्तव में महिलाओं और सामान्य रूप से समाज के उत्थान के लिए काम करना चाहती हूं।’ स्मृति मिश्रा उन 320 महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने यूपीएससी-सीएसई में कुल 933 सफल अभ्यर्थियों में अपनी अलग पहचान बनाई है।
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