Exclusive: पिता की प्रेरणा से उमा को यूपीएससी में मिली तीसरी रैंक
- Pallavi Priya
- Published on 25 May 2023, 4:13 pm IST
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हाइलाइट्स
- पुलिस अधिकारी की बेटी उमा हरथी एन के लिए घर ही रहा मंदिर
- पहले ही यूपीएससी सीएसई पास कर चुके मित्रों ने किया उनका मार्गदर्शन
- उन्होंने कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की, खुद की मेहनत से पहुंचीं बुलंदी पर
यूपीएससी-सीएसई- 2022 के नतीजे आ गए हैं। इस साल पहली से चौथी रैंक तक बेटियों का बोलबाला है। दरअसल इस साल टॉप-10 में छह बेटियां आई हैं।
नालगोंडा, तेलंगाना की रहने वाली उमा हरथी एन ने अपने पांचवें प्रयास में देशभर में तीसरी रैंक हासिल की है। आईआईटी हैदराबाद से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक उमा ने 2017 में बी.टेक करने के बाद तैयारी शुरू की थी।
इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ बातचीत में उमा ने यूपीएससी के लिए अपनी तैयारी के बारे में काफी कुछ बताया।
सोने पर सुहागाः
उमा एक सरकारी कर्मचारी के परिवार से आती हैं। उनके पिता इस समय नारायणपेट जिले में पुलिस अधिकारी (राज्य सेवा) हैं। मां गृहिणी हैं। उन्होंने कहा, “रिजल्ट का खुमार अभी भी है। मुझे अब जाकर राहत मिली है, क्योंकि यह मेरा पांचवां प्रयास और दूसरा इंटरव्यू था।”
हमेशा एक आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखने वाली उमा ने माता-पिता को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। पिता का आशीर्वाद पाना उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा थी। वह कहती हैं कि चूंकि यह उनका पांचवां प्रयास था, इसलिए वह हर हाल में फाइनल लिस्ट में जगह बनाना चाहती थीं। लेकिन तीसरी रैंक मिलना तो सोने पर सुहागा है।
यह पूछने पर कि रिजल्ट देखने के बाद सबसे पहले उन्होंने क्या किया, उन्होंने कहा- “मैं अपने माता-पिता के साथ मंदिर गई। हम एक आध्यात्मिक परिवार हैं और हम परमेश्वर को उस आशीष के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं. जो उन्होंने हमें दी है।”
वैकल्पिक विषय में बदलावः
उन्होंने तैयारी के लिए किसी कोचिंग क्लास में दाखिला नहीं लिया। वह कहती हैं, “मैं थोड़े समय के लिए दिल्ली गई थी, लेकिन माहौल पसंद नहीं आया। इसलिए मैं हैदराबाद वापस आ गई और खुद से तैयारी करने लगी। साथ में ऑनलाइन सामग्री पर ध्यान केंद्रित किया।”
उमा ने कोविड-19 के प्रकोप के दौरान एक ऑनलाइन यूपीएससी कोचिंग संस्थान के लिए भी काम किया। तैयारी के दौरान ही उन्होंने अपना वैकल्पिक विषय बदल लिया था। पहले उन्होंने भूगोल चुना था, लेकिन उससे फायदा नहीं मिल रहा था। फिर मित्रों से चर्चा के बाद उन्होंने भूगोल की जगह एंथ्रोपोलॉजी रख लिया। उमा ने कहा, “मेरे कुछ दोस्तों ने इस विषय से सफलता पाई थी। साथ ही, यह एक हाई स्कोरिंग विषय है और सिलेबस भी छोटा है। मुझे खुशी है कि इसने वाकई लाभ दिलाया।”
मित्रों से मार्गदर्शनः
यूपीएससी में तीसरी रैंक लाने वालीं उमा ने उन मित्रों के प्रति विशेष आभार जताया, जिन्होंने उनका मार्गदर्शन किया। इसलिए भी कि उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली और केवल कुछ मॉक टेस्ट दिए। यह उनके दोस्त थे, जिन्होंने तैयारी के दौरान उनका लगातार मार्गदर्शन किया। उन्होंने न केवल अध्ययन सामग्री का सुझाव दिया, बल्कि उनकी शंकाओं को दूर करने में भी मदद की। उमा कहती हैं कि जब भी उन्हें निराशा महसूस हुई, मित्रों ने आगे बढ़कर प्रेरित किया।
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