पहले आईआरएस, फिर आईएफएस और अब आईएएस…, यादव सूर्यभान पर गर्व कर रहा है नालासोपारा
- Bhakti Kothari
- Published on 23 Jun 2023, 2:50 pm IST
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हाइलाइट्स
- यादव सूर्यभान अच्छेलाल ने यूपीएससी सीएसई 2022 में हासिल की है 27वीं रैंक
- यह उनका पांचवां प्रयास था, उन्होंने मैथ्स को बनाया था ऑप्शनल
- इस समय आईआरएस प्रोबेशनर के रूप में हैं तैनात, उन्होंने 2020 में AIR 57 हासिल करते हुए आईएफएस परीक्षा भी पास की थी
महाराष्ट्र के पालघर जिले का नालासोपारा कई कारणों से पहले से ही चर्चित शहर रहा है। वहीं के यादव सूर्यभान अच्छेलाल एकेडमिक रूप से प्रतिभाशाली लोगों के परिवार से हैं। उनके परिवार के सभी सदस्य सरकारी नौकरी में हैं। लगन और मजबूत इरादे के साथ सूर्यभान भी अपनी पारिवारिक परंपरा और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने UPSC CSE 2022 में AIR 27 हासिल किया, जिसके रिजल्ट पिछले महीने घोषित किए गए थे।
उनकी इस दिलचस्प यात्रा के बारे में और अधिक जानने के लिए इंडियन मास्टरमाइंड्स ने उनसे विशेष बातचीत की।
यूपीएससी से थे अनजानः
दिलचस्प बात यह है कि 2015 तक सूर्यभान यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर पूरी तरह अनजान थे। उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि सरकार ऐसी कोई परीक्षा भी कराती है, जो भविष्य के नौकरशाहों के लिए रास्ता तय करती है।
यह 2015 की बात है, जब वह आईआईटी-बीएचयू में थे। तब उन्होंने साथियों को कोचिंग में जाते हुए देखा था। उन्हें देखकर ही जिज्ञासा बढ़ी। उन्होंने अपने साथियों से परीक्षा के बारे में पूछा। फिर यूपीएससी सीएसई के प्रभाव को समझा, कि कैसे वह इसके जरिये बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन को प्रभावित करने के लिए अपनी क्षमताओं का उपयोग कर सकते हैं। बात पल्ले पड़ते ही उन्होंने इसे आजमाने का फैसला किया।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से उन्होंने कहा, “मैंने यह समझने के लिए थोड़े समय तक कोचिंग भी ली कि तैयारी कैसे करनी है और परीक्षा में क्या होता है। मैंने कुछ जनरल अफेयर्स के बारे में पढ़ाई भी की, लेकिन वास्तव में इसे समझ नहीं सका। लिहाजा, उस समय इससे जुड़ नहीं सका।”
पांचवीं कोशिशः
आखिरकार 2017 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला किया और इसकी तैयारी शुरू की। उन्होंने 2018 से हर साल परीक्षा देना जारी रखा, लेकिन अपने पहले चार प्रयासों में आईएएस प्राप्त नहीं कर सके। उन्होंने 2020 में परीक्षा पास की और AIR-488 प्राप्त किया, जिससे आईएएस फिर नहीं मिला। लेकिन आईएएस अधिकारी बनने की उनकी इच्छा ने उन्हें प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने 2019 और 2020 में भारतीय वन सेवा यानी आईएफएस की परीक्षा दी और 2020 में AIR-57 हासिल किया। अब उनके पास दो विकल्प थे। उन्होंने IFS के बजाय IRS को चुना। वह फिलहाल ट्रेनिंग ले रहे हैं और फरीदाबाद में तैनात हैं।
सूर्यभान ने ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर मैथ्स को चुना, क्योंकि उनका मानना था कि उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही 70% सिलेबस को समझ लिया है। स्कूल के समय से ही यह उनका पसंदीदा विषय था और वह इसमें काफी सहज महसूस करते थे।
गलतियों को सुधारनाः
वह हर असफलता के बाद अपनी खामियों को पहचानते और सुधारते रहे। उन्हें एहसास हुआ कि वह अपने जीएस पेपरों पर पूरा ध्यान नहीं दे रहे थे। इसलिए इस साल उन्होंने उन पर अधिक ध्यान दिया, जो उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ। इसलिए कि चार साल के संघर्ष के बाद आखिरकार वह अपने सपने को पूरा करने में सक्षम हुए।
अब जब सूर्यभान एक आईएएस अधिकारी बनने की राह पर हैं, तो वह वादा करते हैं कि जिस भी क्षेत्र में उन्हें तैनात किया जाएगा, वह अपना सर्वश्रेष्ठ काम करेंगे। वह किसी ऐसे खास क्षेत्र को लेकर चिंतित नहीं हैं, जिसमें काम करना चाहते हों। उनका मानना है कि सरकार जो भी फैसला करेगी, उसे वह खुशी से स्वीकार करेंगे।
रहें विनम्रः
उनके पास यूपीएससी की तैयारी करने वाले उन कैंडिडेट के लिए एक सुंदर संदेश भी है, जो इस वर्ष परीक्षा पास नहीं कर पाए: “जीवन सिविल सेवा से कहीं अधिक है। सीएस तो इसका एक हिस्सा मात्र है। 1.3 अरब में से 1.29 अरब से अधिक लोग सीएस का हिस्सा न होने के बावजूद खुशी और स्वस्थ तरीके से अपना जीवन जी रहे हैं। आइए सभी के प्रति विनम्र रहें। हमें जमीन से जुड़े रहना चाहिए, और अपने परिवार को गर्व का अहसास करना चाहिए।”
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