विदेश में लाखों की नौकरी छोड़ यूपीएससी पास करने वाले आईआरएस अधिकारी शिवम शर्मा की कहानी, स्वोट एनालिसिस से मिली सफलता!
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 17 Nov 2021, 10:45 am IST
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हाइलाइट्स
- राजस्थान के रहने वाले शिवम ने 2018 में 251 वीं रैंक के साथ यूपीएससी में सफलता हासिल की
- ‘हिताची’ और ‘आईटीसी’ जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में कर चुके हैं काम, लेकिन यूपीएससी के लिए छोड़ दी कॉर्पोरेट जॉब
- यूपीएससी अभ्यर्थियों को अपने वैकल्पिक विषय पर खास ध्यान देने की सलाह
- शिवम शर्मा, यूपीएससी-2018, 251 वीं रैंक
कहते हैं कि अगर देश के लिए कुछ करने का जनून हो तो इस देश की मिट्टी देर-सवेर आपको अपने पास खींच ही लाती है। ये कहानी भी कुछ ऐसी है, जहां विदेश में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में लाखों रुपए की बेहतरीन नौकरी कर रहे शिवम शर्मा को देश की माटी ने वापस बुला लिया। शिवम की कहानी हर उस शख्स के लिए प्रेरणा है जो अपने मन में इस देश और उसके आम लोगों के लिए कुछ करने का सपना मन में पाले हुए है।
शिवम ने साल 2018 में अपने तीसरे प्रयास में 251 वीं रैंक हासिल करते हुए यूपीएससी परीक्षा पास की और अधिकारी बने। वर्तमान में वो केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), दिल्ली में सहायक निदेशक, डीजी सिस्टम और डेटा प्रबंधन के रूप में कार्यरत हैं।
एनआरआई शिवम घर वापस लौटे
राजस्थान की राजधानी जयपुर से आने वाले शिवम बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘हिताची’ में जापान में एक बेहद अच्छी नौकरी करते थे। लेकिन कुछ और बेहतर करने का ख्वाब लिए वो भारत लौटे और यूपीएससी परीक्षा। राह में मुश्किलें कई तो थीं और कॉर्पोरेट सेक्टर के बेहतरीन कैरियर को छोड़कर एक अनिश्चितता से भरे पेशे की तरफ जाना भी खतरे से खाली नहीं था, लेकिन वो कहते हैं न कि ‘जहां चाह, वहां राह।’ शिवम ने भी उन सभी मुश्किलों से पार पाते हुए, अंततः वो हासिल किया जिसका ख्वाब इस देश का अधिकतर युवा संजोता है।
शुरुआती सफर
मूल रूप से जयपुर के रहने वाले 28 साल के शिवम शर्मा के पिता ‘उत्तर-पश्चिम रेलवे’ में कार्यरत थे और मां शिक्षक थीं। शिवम बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थे। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने आईआईटी की एंट्रेंस परीक्षा दी और बेहतर रैंक के साथ बेहद प्रतिष्ठित आईआईटी कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बी. टेक. में दाखिला लिया। स्नातक पूरा करने के बाद, वो एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘हिताची’ में नौकरी के लिए जापान चले गए। लेकिन कुछ वक्त के बाद ही भारत लौट आए और आईटीसी कंपनी में नौकरी करने लगे।
आईटीसी कंपनी में वो ‘एग्री कमोडिटी’ विभाग में ‘तकनीकी सलाहकार’ के तौर पर काम करते थे। इसी सिलसिले में उन्होंने देश के कई राज्यों में काम किया और खेती-किसानी को बहुत करीब से देखा। यही वो वक्त था, जब उनके मन में यूपीएससी के ख्वाब पलने लगे।
तैयारी
साल 2015 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। 2016 में उन्होंने अपने पहले प्रयास में 390 वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास कर ली उन्हें आईआरएस कैडर मिला। लेकिन वो इससे खुश नहीं थे और उन्होंने फिर से परीक्षा दी। साल 2017 में अपने दूसरे प्रयास में वो बेहतर नहीं कर पाए और अंतिम परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहा। लेकिन साल 2018 में अपने तीसरे प्रयास में उन्हें फिर से सफलता मिली और एक बेहतर रैंक प्राप्त हुई। उनका वैकल्पिक विषय मैकेनिकल इंजीनियरिंग था।
इंडियन मास्टरमाइण्ड्स से बात करते हुए शिवम ने कहा, “मेरी नजर में यूपीएससी की तैयारी करते हुए सबसे जरूरी है अपने वैकल्पिक विषय का चयन। आपको बहुत सोच-समझकर उसका चयन करना चाहिए। मेरे पहले और दूसरे प्रयास में मेरे वैकल्पिक विषय में कम नंबर आए थे, शायद इसी वजह से मेरी रैंक बेहतर नहीं थी, लेकिन अपने तीसरे प्रयास में, मैंने इस पर बहुत मेहनत की और परिणाम अच्छे रहे। हर यूपीएससी उम्मीदवार को अपने हिसाब से रणनीति बनानी चाहिए और उसी हिसाब से तैयारी करनी चाहिए। अगर आप कड़ी मेहनत और पूरी लगन से तैयारी करते हैं तो जरूर सफल होंगे।”
शिवम का मानना है कि यूपीएससी अभ्यर्थी को अधिक से अधिक सेल्फ स्टडी पर ध्यान देना चाहिए और नोट्स जरूर बनाएं। सिलेबस पर खास ध्यान दें और वक्त रहते उसे पूरा करें। खूब रिवीजन करें और मेंस को ध्यान में रखते हुए आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस शुरुआत से ही करें।
स्वोट (SWOT) एनालिसिस और सलाह
अपने वैकल्पिक विषय में बेहतर तैयारी के लिए शिवम ने स्वोट एनालिसिस किया और उसी हिसाब से रणनीति बनाई। ‘स्वोट’ कॉर्पोरेट के दुनिया में इस्तेमाल होने वाली एक तकनीक है, जिसकी सहायता से हम किसी ग्रुप, आर्गेनाईजेशन या किसी व्यक्ति की खूबियों, कमजोरियां, उपलब्ध अवसरों और चुनौतियों का पता लगा सकते हैं।
शिवम ने भी स्वोट (SWOT) एनालिसिस करते हुए अपनी ताकत, कमजोरी, अवसर और खतरे पर विश्लेषण किया और उसके बाद एक कारगर रणनीति बनाई। इसका फायदा भी उन्हें मिला और अपने तीसरे प्रयास में उन्हें 336 नंबर मिले। शिवम का कहना है कि यूपीएससी की तैयारी में आपको सही दिशा में अच्छी रणनीति बनाकर तैयारी करनी होगी।
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