कैसे एक साल के ब्रेक ने इस एसडीएम को यूपीएससी में बड़ी सफलता दिलाकर आईएएस बना दिया
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 16 Jun 2023, 11:29 am IST
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हाइलाइट्स
- शिशिर कुमार सिंह ने चौथी कोशिश में 16वीं रैंक के साथ क्लियर किया UPSC CSE -2022
- लगातार तीन बार फेल होने के बाद यूपी के इस स्टूडेंट ने 2021 में लिया ब्रेक
- मैथ्स को चुना अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट, प्रीलिम्स और मेन्स के लिए एक साथ की तैयारी
‘बड़ा हमला करने से पहले शेर एक कदम पीछे हट जाता है।’ यह लोकप्रिय कहावत यूपी के एसडीएम शिशिर कुमार सिंह के मामले में सटीक बैठती है। यूपीएससी सीएसई में लगातार तीन बार फेल होने के बाद उनका दिल टूट गया था। लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने अपनी रणनीति पर दोबारा काम किया। इस बीच, उनके प्लान-बी ने काम किया। इसलिए कि उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपी पीसीएस-2020 को पास कर लिया और एसडीएम बन गए।
इसलिए उन्होंने अपनी कमजोरियों को ठीक करने के लिए रणनीति बदली। कमजोरियों पर दोबारा काम करने के लिए यूपीएससी से एक साल का ब्रेक लिया। इस समय का उन्होंने पूरी मेहनत और लगन के साथ इस्तेमाल किया। और यह काम कर गया! उन्होंने अपने चौथे प्रयास में AIR16 के साथ सीएसई 2022 में सफलता हासिल की। अब उन्हें अपनी ड्रीम सर्विस मिलेगी।
इंडियन मास्टरमाइंड्स के साथ विशेष बातचीत करते हुए शिशिर ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की अपनी लंबी यात्रा को साझा किया।
अभी तक का सफर
शिशिर ने कहा, “यह मेरे लिए बहुत लंबी यात्रा रही है। इसमें कई साल और कोशिशें लगीं। पहले कुछ प्रयासों में मैंने शायद कई गलतियां कीं। उन्हें धीरे-धीरे सुधारा और आखिरकार सफलता मिल ही गई।”
उन्होंने नौकरी छोड़ने के बाद तैयारी शुरू की और 2018 में पहला प्रयास किया। लेकिन वह प्रीलिम्स पास नहीं कर सके। अगले साल 2019 में वह इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन क्लियर नहीं कर पाए। 2020 में वह प्रीलिम्स में फिर फेल हो गए। अपनी बार-बार की असफलताओं से तंग आकर उन्होंने रिवाइंड करने और फिर से काम करने के लिए एक साल का ब्रेक लेने का फैसला किया।
उन्होंने सीएसई-2021 नहीं दिया। एक साल के ब्रेक के बाद वह CSE-2022 में बैठे और AIR 16 की रैंक के साथ परीक्षा को क्रैक किया। उनके एक साल के ब्रेक ने वास्तव में काम किया और उन्हें मनचाही सफलता दिला दी।
इस बीच, उन्होंने अपने पहले प्रयास में चौथी रैंक के साथ यूपीपीसीएस- 2020 को क्रैक किया था और एसडीएम बन गए थे। उनके सीएसई-2022 के रिजल्ट के समय वह वाराणसी सदर के एसडीएम के पद पर तैनात थे।
शिशिर को फोटोग्राफी, फिल्में और ड्रामा सीरीज देखने और क्रांतिकारी हिंदी कविताएं पढ़ने का शौक है। वह मूल रूप से बिहार के सीवान से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उनका परिवार बहुत पहले यूपी के बलिया जिले में चला गया। तब से यहीं रह रहा है। जब यूपीएससी का रिजल्ट आया और शिशिर को यह अहसास हुआ कि वह आईएएस अधिकारी बनेंगे, तो परिवार ने सबसे पहले अपने पैतृक गांव और अपनी कुलदेवी के बारे में सोचा। पूरा परिवार गांव बनपुरा पहुंचा और माता रानी के मंदिर में मत्था टेका।
उनके पिता सिंहासन सिंह मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) हैं। मां गृहिणी हैं। उन्होंने अपनी प्राइमरी से हाई स्कूल तक की शिक्षा सेंट्रल स्कूल, बलिया से की है। उन्होंने डीपीएस बोकारो से 12वीं की और आईआईटी धनबाद से पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बी.टेक पूरा किया। उन्होंने बेंगलुरू में एक बिजनेस एनालिस्ट के रूप में दो साल तक नौकरी की। लेकिन उनका सपना नौकरशाह बनने का था। 2016 के आसपास उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपनी तैयारी पर ध्यान देना शुरू किया।
संघ लोक सेवा आयोग
उन्होंने मैथ को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना और इसके लिए कोचिंग ली। जीएस के लिए उन्होंने स्वयं तैयारी की और विभिन्न टेस्ट सीरीज पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने कहा, “इससे पहले परीक्षा के दबाव के कारण मुझे हमेशा ऑप्शनल में कम मार्क्स मिले और जीएस में भी अच्छे मार्क्स नहीं मिले। इसलिए मैंने एक वर्ष ड्रॉप करने और सीएसई 2021 नहीं देने का फैसला किया। यह मेरे लिए वरदान साबित हुआ। फिर अच्छी तरह से तैयारी की और अपनी कमजोरियों पर काम किया। 2022 की परीक्षा में मैं सभी पेपर अच्छे से कर सका। इसीलिए मेरी रैंक अच्छी है। चूंकि मैं पहले से ही एसडीएम के रूप में सरकारी सेवा में था, इससे मुझे तनावमुक्त रहने और अच्छी तैयारी करने में मदद मिली।”
रणनीति
उनकी रणनीति इंटीग्रेटेड एप्रोच पर आधारित थी। उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी एक साथ की। सबसे पहले उन्होंने सभी बेसिक बुक्स का अध्ययन किया। फिर उन्होंने पीवाईक्यू का अच्छी तरह से अध्ययन किया और मेन्स के लिए विषयों की पहचान की और नोट्स बनाए। करंट अफेयर्स के लिए उन्होंने नियमित रूप से अखबारों का अध्ययन किया और कई टेस्ट सीरीज हल की और मॉक में शामिल हुए।
मैथ्स ही ऑप्शनल क्यों? उन्होंने कहा, “इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से होने के कारण यह मेरे लिए एक स्वाभाविक पसंद थी। साथ ही, मैंने सोचा था कि मैथ्स में कम चीजें रटनी होंगी। दूसरे, लगा कि मैं बहुत कुछ स्कोर करूंगा। मैंने मैथ्स के साथ इस सब्जेक्टिव परीक्षा में ऑब्जेक्टिविटी लाने की कोशिश की।”
इंटरव्यू
उनका इंटरव्यू ज्यादातर उनकी नौकरी और डीएएफ के आसपास केंद्रित था। उनसे कुछ सवाल पूछे गए: आपका जॉब प्रोफाइल क्या है? आपकी नौकरी में अब तक का सबसे अच्छा काम क्या है? क्या अधिक महत्वपूर्ण है: अधिकार या कर्तव्य?
दिलचस्प बात यह है कि उनसे उनके ऑप्शनल सब्जेक्ट से कोई प्रश्न नहीं पूछा गया था।
संदेश
यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए सुझाव देते हुए शिशिर ने कहा, “हमेशा एक प्लान बी रखें। इससे आप कम दबाव में रहेंगे। कैंडिडेट्स को एक इंटीग्रेटेड एप्रोच का पालन करना चाहिए और एक साथ प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी करनी चाहिए। अगर आपको लगता है कि आप तैयार नहीं हैं, तो फिर एक साल ड्रॉप करके पूरी तैयारी के साथ आएं। आप यकीनन सेलेक्ट हो जाएंगे।
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