Exclusive: जन्मदिन पर इससे खूबसूरत तोहफा क्या होगा! यूपी-पीसीएस टॉपर ने यूपीएससी में भी गाड़े कामयाबी के झंडे
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 26 May 2023, 4:31 pm IST
- 1 minute read
हाइलाइट्स
• आगरा की ऐश्वर्या दुबे ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई में हासिल की 300वीं रैंक
• उन्होंने इस वर्ष ही दूसरे प्रयास में यूपी-पीसीएस में पाई थी 9वीं रैंक
• आईआरएस मिलना तय, वैसे आईपीएस के बजाय बन सकती हैं आईएएस अधिकारी
यदि किसी चीज को आप शिद्दत से चाहो, तो कायनात भी आपको वह दिलाने की साजिश करता है। पहले इस लाइन पर मुझे भरोसा नहीं था, लेकिन यूपी-पीसीएस और यूपीएससी के परिणामों के बाद मानना ही पड़ेगा।” रिजल्ट के बाद इंडियन मास्टरमाइंड्स से बातचीत में यूपीएससी-सीएसई 2022 में 300वीं रैंक लाने वाली ऐश्वर्या दुबे की यह पहली प्रतिक्रिया थी।
7 अप्रैल, 2023 की रात यूपी-पीसीएस के नतीजे आए थे। उसमें 9 वीं रैंक हासिल करने वाली आगरा की ऐश्वर्या दुबे डिप्टी कलेक्टर बनीं, लेकिन वह उस कुर्सी पर नहीं बैठीं।
कारण: उन्हें 2 मई को अपने यूपीएससी सीएसई के लिए इंटरव्यू देना था। उन्होंने तब इंडियन मास्टरमाइंड्स से कहा था कि उनका सपना तो आईएएस अधिकारी बनना है। वह इसके लिए कोशिश करेंगी, चाहे कितनी बार भी क्यों न करनी पड़े।
फिर 23 मई को रिजल्ट आया और वह दूसरे प्रयास में यूपीएससी निकाल चुकी थीं। उन्होंने कहा, “मेरे लिए जन्मदिन पर यह एक आदर्श उपहार था। मैं इस बार के जन्मदिन को कभी नहीं भूलूंगी।”
कमाल की कामयाबीः
ग्रेजुएशन के दिनों में गोल्ड मेडल हासिल करना, लेकिन पहले प्रयास में यूपीएससी-सीएसई 2021 नहीं निकाल पाना। फिर यूपीएससी सीएसई-2022 में उन्होंने न केवल तीनों राउंड पास किए, बल्कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी में 300वीं रैंक भी हासिल की। ऐसे में वह आईएएस कैडर प्राप्त कर सकती हैं।
सिविल सेवा की तैयारी का उनका चार साल का सफर वास्तव में सभी के लिए प्रेरणादायी है। दो महीने के भीतर उन्होंने दो-दो सिविल सेवा परीक्षाओं को शानदार रैंक के साथ पास किया।
जब वह पहली बार में यूपीएससी पास नहीं कर पाई थीं, तो दुख हुआ था। लेकिन उन्होंने अपनी कमजोरी पर काम करने का फैसला किया। उनका कहना है कि असफलताओं से हमेशा सीखना चाहिए। इसीलिए, बिना ज्यादा शोर मचाए उन्होंने दोबारा तैयारी में जी-जान से जुट गईं। इसका फल भी मिला।
वह कहती हैं, “मेरा सपना आईएएस अधिकारी बनना है। अगर इस बार इस रैंक पर नहीं बन पाई, तो मैं फिर से परीक्षा दूंगी।”
एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली ऐश्वर्या की सिविल सेवाओं के लिए यात्रा पोस्ट-ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में शुरू हुई। वह एक प्राइवेट नौकरी से रिटायर पिता की सबसे बड़ी बेटी हैं। मां गृहिणी हैं। उनका छोटा भाई भी प्राइवेट नौकरी में है। ऐसे में वह माता-पिता को सबसे बड़ी खुशी देना चाहती हैं।
दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, आगरा से कंप्यूटर साइंस में स्वर्ण पदक विजेता ऐश्वर्या दुबे ने अपने बीएससी-एमएससी एकीकृत पाठ्यक्रम से पहले आगरा कैंट के सेंट क्लेयर सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी की।
यूपीएससी की तैयारीः
उन्होंने 2019 में सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की और आगरा में एक कोचिंग सेंटर में शामिल हो गईं। लेकिन 2020 में जब कोविड-19 आया, तो सब कुछ ठहर गया। ऐसे में कहीं जाने के बजाय उन्होंने एक रणनीति बना कर खुद तैयारी करने का फैसला किया।
महामारी से पहले के आठ महीने की कोचिंग ने ही फाउंडेशन पूरा कर दिया था। बाद में उन्होंने दिल्ली के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में मुख्य परीक्षा यानी मेन्स और इंटरव्यू के लिए मॉक टेस्ट दिए। हालांकि, उनका मानना है कि इस परीक्षा के लिए दिल्ली में कोचिंग अनिवार्य नहीं है।
समाजशास्त्र को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनने वाली दुबे ने कहा, “यूपीएससी परीक्षा के लिए आपकी रणनीति में पिछले साल के प्रश्न पत्र और आपकी अपनी टेस्ट सीरीज़ का आकलन बहुत मायने रखता है।”
निरंतरताः
उनकी रणनीति में सबसे महत्वपूर्ण बात निरंतरता थी। उन्होंने इसे दो साल तक बनाए रखा। कहा, “मैं सौ प्रतिशत कोशिश से कम पर संतुष्ट नहीं रहती। हर किसी की अपनी रणनीति होती है, मैंने अपनी तरह से कोशिश की।”
उन्होंने छोटे लक्ष्य निर्धारित किए। वीडियो अध्ययन की तुलना में पुस्तकों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने रोजाना औसतन 10 घंटे पढ़ाई की और किसी भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया। मोबाइल फोन तक से दूरी बना ली थी।
उनके संसाधन सीमित थे। फिर भी एनसीईआरटी की किताबें उनकी तैयारी का अनिवार्य हिस्सा थीं। उन्होंने बार-बार रिवीजन किए।
इंटरव्यू के सवाल
उनकी इंटरव्यू की तैयारी दिल्ली में कई मॉक टेस्ट के जरिए हुई थी। राज्य और व्यक्तित्व विशिष्ट प्रश्नों के लिए उन्होंने स्वयं को तैयार किया। उनसे महिला विशिष्ट, शौक से संबंधित और उनकी कंप्यूटर विज्ञान पृष्ठभूमि से संबंधित प्रश्न पूछे गए।
उन्होंने बताया, “मुझसे यह भी पूछा गया कि भारत में तलाक की दर क्यों बढ़ रही है? आप किसी महिला को नौकरी करते हुए परिवार संभालने के लिए कैसे प्रोत्साहित करेंगी?”
सलाह:
वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए कहती हैं, “आपको स्पष्ट होना चाहिए कि आप वास्तव में इसे चाहते हैं या नहीं। यूपीएससी की तैयारी आंतरिक प्रेरणा से होनी चाहिए। निरंतरता बनाए रखें और कभी हार न मानें। फिर आपको वह मिलेगा, जो आप चाहते हैं।” इतना ही नहीं, “खुद पर भरोसा रखें और कड़ी मेहनत करें। इस परीक्षा के लिए गहन एकाग्रता के साथ नियमित अध्ययन की आवश्यकता होती है। कभी उम्मीद न खोएं और अपने सपनों पर भरोसा रखें।”
END OF THE ARTICLE