प्रतीक्षा से इंटरव्यू में पूछे गए वो सवाल जिनका जवाब देकर यूपीएससी में हुआ चयन, कैसे की थी तैयारी!
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 18 Nov 2021, 2:16 pm IST
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हाइलाइट्स
- यूपी के सीतापुर की प्रतीक्षा सिंह ने यूपीएससी-2020 में हासिल की 662 वीं रैंक
- यूपीपीसीएस-2020 में ‘जिला युवा कल्याण अधिकारी’ के पद पर भी हो चुका है चयन
- ‘पीएसआईआर’ विषय के साथ पास की है परीक्षा, इंटरव्यू में इसी से पूछे गए कई सवाल
- प्रतीक्षा सिंह, यूपीएससी-2020, रैंक 662
कुछ कहानियां ऐसे संघर्ष की दास्तान होती हैं कि मिसाल बन जाती हैं और सभी को प्रेरणा देती रहती हैं। यह कहानी भी ऐसी है, जहां प्रतीक्षा के जन्म कुछ ही दिन बाद उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके पिता घर से कहीं गए और आज तक लौट कर नहीं आए। पिता के जाने के बाद उनकी संपति को लेकर विवाद शुरू हो गया और मजबूरन प्रतीक्षा की मां को अपने मायके वापस जाना पड़ा। तभी से शुरू हुई संघर्ष की कहानी अब ऐसी सफलता में बदल चुकी है कि हर कोई इससे प्रेरणा ले रहा है।
शुरुआत
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के तराई जिले सीतापुर के विकासखंड गोंदलामऊ क्षेत्र के इस्माइलगंज गांव की रहने वाली प्रतीक्षा लखनऊ में अपने नाना के यहां ही पली-बढ़ीं। उनके पिता राकेश कुमार सिंह का केस 24 साल बाद भी आज भी पुलिस थाने में चल रहा है, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया। उनकी मां गुड्डी सिंह नवोदय विद्यालय में वार्डन हैं और उन्होंने ही बहुत संघर्षों के साथ प्रतीक्षा को पढ़ाया-लिखाया।
लेकिन यूपीएससी-2020 के परीक्षा परिणामों में 662 वीं रैंक के साथ प्रतीक्षा ने सफलता हासिल कर अपनी मां के संघर्षों को एक खूबसूरत अंजाम तक पहुंचा दिया। इतना ही नहीं, उनका चयन यूपीपीसीएस-2020 में ‘जिला युवा कल्याण अधिकारी’ के पद पर भी हो चुका है। प्रतीक्षा के हौसलों का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि उन्होंने लखनऊ में ही रहकर तैयारी की और कोई कोचिंग नहीं की है।
शिक्षा
प्रतीक्षा प्राइमरी स्कूल की पढ़ी हुई हैं। उनकी छठे से 12 वीं तक की पढ़ाई लखनऊ में नवोदय विद्यालय से हुई है। 12 वीं में अच्छे नंबर की वजह से उन्हें स्कॉलरशिप मिली। और उन्हें प्रतिष्ठित एमिटी यूनिवर्सिटी में बी. टेक. में प्रवेश मिल गया। ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन’ में बी. टेक पूरा करने के बाद, साल 2017 में उन्होंने तैयारी शुरू कर दी।
यूपीएससी तैयारी
साल 2017 में तैयारी शुरू करने के बाद, प्रतीक्षा ने तय किया कि उनका वैकल्पिक (ऑप्शनल) विषय ‘राजनीति विज्ञान व अंतर्राष्ट्रीय संबंध’ (पीएसआईआर) होगा। लेकिन तैयारी करते हुए प्रतीक्षा को एहसास हुआ कि उन्हें उनके वैकल्पिक विषय की तैयारी के लिए और अधिक ज्ञान की जरूरत है। इसलिए उन्होंने ऑप्शनल विषय की तैयारी के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी में एम.ए. में प्रवेश ले लिया।
उन्होंने ‘पीएसआईआर’ जैसा लंबा और थोड़ा कठिन माना जाने वाला ऑप्शनल विषय क्यों चुना? इंडियन मास्टरमाइण्ड्स के इस सवाल पर प्रतीक्षा कहती हैं, “जब मैं तैयारी कर रही थी तो जीएस 3 के पेपर में इंटरनेशनल वाला हिस्सा पढ़ा, उसके बाद ही मन बना लिया कि पीएसआईआर विषय ही लेना है। हालांकि इसका विषय काफी डाइनैमिक है और हर साल सिलेबस भी बदलता है, लेकिन बेहतर तरीके से पढ़ाई करने से सब कवर हो जाता है। मैंने अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषय का अधिकतर हिसा न्यूजपेपर से ही कवर कर लिया था। जबकि इस विषय का बेसिक एमए की पढ़ाई करते हुए पूरा किया।”
प्रतीक्षा बताती हैं कि तैयारी की शुरुआत में उन्होंने 8 से 10 घंटे पढ़ाई की, क्योंकि यूपीएससी का सिलेबस बहुत लंबा होता है और उसे पूरा करने में वक्त लगता है। लेकिन तैयारी के दूसरे साल में वो एमए भी कर रही थी, इसलिए उनकी तैयारी भी साथ-साथ चल रही थी। फिर भी वो हर रोज 5 से 6 घंटे पढ़ लेती थीं।
प्री: पहले 2 बार में उनका प्री भी नहीं निकला था, इसलिए प्री पर उनका ज्यादा फोकस रहा। एनसीआरटी और दूसरी स्टैंडर्ड बुक्स से बेसिक तैयार किया। यूट्यूब से विषयों के लेक्चर देखती थीं। टेस्ट सिरीज पर बहुत ध्यान दिया और उसके लिए सोशल साइट टेलीग्राम का उपयोग किया। सारी टेस्ट सिरीज प्रतीक्षा ने यहीं की।
मेंस: मेंस के लिए विजन की टेस्ट सिरीज जॉइन की। एनसीआरटी से बेसिक को फिर से खूब पढ़ा। पॉलिटिकल साइन्स के लिए भी टेस्ट सिरीज जॉइन किया। राइटिंग अभ्यास पर विशेष ध्यान दिया।
इंटरव्यू: इंटरव्यू की तैयारी के लिए प्रतीक्षा बताती हैं कि कोविड की वजह से वक्त मिल गया था। उसकी तैयारी के लिए कई सीनियर से उन्हें हेल्प मिली। एक व्हाट्सएप ग्रुप पर भी वो जुड़ी हुईं थीं, जहां से उन्हें बहुत फायदा हुआ। वहीं इंटरव्यू के लिए वो 2 न्यूज पेपर इंडियन एक्स्प्रेस और हिंदुस्तान टाइम्स भी पढ़ती थीं।
इंटरव्यू में पूछे गए सवाल
प्रतीक्षा से इंटरव्यू में उनके ऑप्शनल विषय को लेकर कई सवाल थे और अधिकतर इंटरव्यू इसी के आस-पास रहा। प्रतीक्षा कहती हैं कि उनके जवाब से इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य काफी खुश हुए। उनसे पूछा गया कि उन्होंने ‘पीएसआईआर’ को वैकल्पिक विषय के रूप में क्यों लिया? जब उन्होंने बताया कि इसका इंटरनेशनल पार्ट उन्हें बहुत पसंद है, तब इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों ने अधिकतर सवाल इसी से पूछे।
सवाल: 5 चीजें जो भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं?
प्रतीक्षा का जवाब: आतंकवाद, मैरिटाइम सेक्युर्टी, क्लाइमेट चेंज, वेस्ट एशिया की समस्याएं, इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन्स को खतरा आदि।
सवाल: भारत को यूएन सेक्युर्टी काउंसिल में पेरमानेंट मेम्बर सीट क्यों मिलनी चाहिए?
जवाब: भारत दुनिया के सबसे बड़े और पुराने लोकतन्त्र में से एक है। हम सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। यूएन के जो पीस ऑपरेशन होते हैं, उसमें सबसे ज्यादा हमारा योगदान हमारा है, यूएन के दूसरे सभी अंगों में हमारी स्वीकार्यता है। इसके अलावा जब यूएन बना था, तब स्थिति अलग थी। लेकिन आज हम सबसे तेज बढ़ने वाली इकॉनमी हैं, हर क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए सवा अरब की आबादी को प्रतिनिधित्व जरूर मिलना चाहिए। इसके अलावा कई सवाल चीन से संबन्धित सवाल पूछे गए थे।
यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए सलाह
यूपीएससी अभ्यर्थियों के सलाह देते हुए प्रतीक्षा कहती हैं कि अगर यूपीएससी की तैयारी को लेकर ठान लिया तो पीछे न हटें। यहां सफलता की दर कम है, पर लगे रहेंगे और निरंतर मेहनत करते रहेंगे तो जरूर हो जाएगा।
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