दुखों को हराने का संघर्ष है अंशिका जैन की यूपीएससी सफलता
- Bhakti Kothari
- Published on 31 Jul 2023, 11:28 pm IST
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हाइलाइट्स
- दिल्ली की अंशिका जैन को पांचवीं कोशिश में मिली यूपीएससी सीएसई 2022 में AIR-306
- बेहद करीबियों की मौत के सदमे को झेलने के बाद भी वह दादी के सपने से डिगी नहीं, लक्ष्य को हासिल करके ही लिया दम
- आईपीएस अधिकारी होते हुए भी वह महिला सशक्तीकरण और शिक्षा के लिए काम करना चाहती हैं
माता-पिता की मृत्यु किसी के भी जीवन का सबसे बड़ा झटका होता है। दुखों का ऐसा ही पहाड़ जब युवा अंशिका जैन पर टूट कर गिरा, तो उनकी दादी और चाचा ने सहारा दिया। इसलिए इन्हें वह अपने जीवन की सबसे बड़ी ताकत मानती हैं। अंशिका को नौकरशाह बनते देखना दरअसल दादी का सपना था, जिसे पूरा करने के लिए अंशिका ने वह सब कुछ करने का फैसला किया, जो वह कर सकती थीं।
यूपीएससी सीएसई में सफलता की ऐसी कठिन राह के बारे में जानने के लिए इंडियन मास्टरमाइंड्स ने उनसे विशेष बातचीत की।
शुरुआती जीवन
अंशिका अपनी दादी की उन कहानियों को सुनती हुई बड़ी हुईं, जिसमें शिक्षा के महत्व और समाज के लिए उपयोगी साबित होने की बातें होती थीं। एक शिक्षिका होने के नाते उन्होंने अपनी पोती में अच्छी शिक्षा की लौ जगाई। साथ ही बताई अंशिका को एक दिन सिविल सेवक बनते देखने का सपना।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से बी.कॉम करने वाली अंशिका ने एम.कॉम के साथ-साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू की। ग्रेजुएशन लेवल की पढ़ाई के तुरंत बाद उन्हें देश की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में से एक में अच्छी नौकरी मिल गई, लेकिन उन्होंने इसे छोड़ दिया और सीएसई की तैयारी के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया।
एक और बड़ा झटका
दुर्भाग्य से अंशिका ने 2019 में अपनी दादी को खो दिया। तब वह यूपीएससी सीएसई की तैयारी कर रही थी। यह उनके जीवन के सबसे कठिन समय में से एक था, क्योंकि वह राह दिखाने वाली रोशनी ही खो दी थी। उन्हें इस बात का गहरा दुख है कि दादी उनके सपने को पूरा होते हुए नहीं देख सकीं।
लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और चुनौतियों का डटकर सामना किया। एक बार फिर से अपनी तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, “कभी नहीं चाहती थी कि मैं उस सपने को छोड़ दूं। मुझे खुशी है कि आखिरकार मैंने उनका सपना पूरा कर दिखाया।”
पांचवीं कोशिश
शुरुआती कुछ कोशिशों के दौरान अंशिका वास्तव में अपनी तैयारी को लेकर बहुत साफ नहीं थीं। उनके चाचा, चचेरे भाई-बहनों और दोस्तों ने पूरे समय उनका मार्गदर्शन किया और हर कदम पर उनकी मदद की। आखिरकार उन्होंने अपनी रणनीति बदली और परीक्षा के तीनों राउंड में जितना संभव हो सके, उतने मॉक की प्रैक्टिस की।
इंडियन मास्टरमाइंड्स को उन्होंने बताया, “इसके अलावा मैंने हर एक विषय के छोटे-छोटे नोट्स बनाए, क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि यूपीएससी सीएसई को क्रैक करने के लिए रिवीजन बेहद जरूरी है। ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर मैंने कॉमर्स और अकाउंटेंसी को चुना, क्योंकि मुझे इन विषयों में सामान्य रुचि थी। साथ ही इनको लेकर बेसिक आइडिया भी था।”
इंटरव्यू
अंशिका छोटी उम्र से ही ‘ग्रैटिटूड जर्नलिज्म’ कर रही हैं। इंटरव्यू राउंड में पैनलिस्ट इस शब्द से काफी प्रभावित हुए और उनसे इसके बारे में विस्तार से पूछा। उनसे अपनी पत्रिका में की गई अंतिम लेख के बारे में भी पूछा गया।
इस बारे में अंशिका ने चहकते हुए कहा, “मैंने उन्हें बताया कि यह मेरी भतीजी के साथ घटी एक मजेदार घटना के बारे में है। इस पर वे सभी हंसने लगे, जिससे पूरा कमरा गूंज उठा! इतने वर्षों की तैयारी और परीक्षा देने के बाद यह मेरा सबसे यादगार पल था।”
अंशिका की कड़ी मेहनत और समर्पण रंग लाया, क्योंकि उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी सीएसई 2022 में AIR-306 हासिल किया। इससे उन्हें इंडियन पुलिस सर्विस यानी आईपीएस मिली।
योजनाएं आगे की
एक उभरती पुलिस अधिकारी के रूप में अंशिका अब उन क्षेत्रों में काम करना चाहती हैं, जहां ध्यान देने और विकास की आवश्यकता है, चाहे वह कहीं भी तैनात हों। शिक्षा और महिला सशक्तीकरण भी दो अन्य क्षेत्र हैं, जिन पर वह काम करना चाहती हैं।
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