मिलिए 3 बार स्टेट पीसीएस क्लियर करने वाले इस एसडीएम से, जिन्होंने इस बार यूपीएससी क्रैक किया
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 8 Jun 2023, 11:39 am IST
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हाइलाइट्स
- एसडीएम अमित गुप्ता ने AIR 246 के साथ पास किया UPSC CSE 2022
- उन्होंने पहले बिहार पीसीएस के साथ-साथ यूपी-पीसीएस भी क्रैक किया था
- वह सिविल सेवा की तैयारी करने वालों की मदद भी करते हैं
पुरानी कहावत है कि ‘धैर्य कड़वा होता है, लेकिन उसका फल मीठा होता है।’ जब आप बहुत मेहनत और संघर्ष के बाद कुछ हासिल करते हैं, तो यह कहीं अधिक खुशी देता है। बहराइच के अमित गुप्ता (Amit Gupta from Bahraich) ने स्कॉलरशिप पर अपनी सेकंडरी एजुकेशन पूरी की। फिर लोन लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसलिए कि नौकरशाह बनने के सपने को पूरा करना था। हालांकि, घर की हालत ने उन्हें कॉर्पोरेट जगत में नौकरी करने के लिए मजबूर कर दिया।
वैसे एक साल बाद मां के ही कहने पर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और लग गए यूपीएससी सीएसई की तैयारी में। इस बीच, उन्होंने स्टेट सिविल एग्जाम को पास कर लिया, जिससे एसडीएम बन गए। अब, आखिरकार उन्होंने अपने 5वीं कोशिश में AIR 246 के साथ UPSC CSE 2022 क्लियर कर लिया है। हालांकि इस समय वह यूपी के महराजगंज जिले में एसडीएम के पद पर काम कर रहे हैं।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं उस बैकग्राउंड से आता हूं, जहां पैसे की तंगी लोगों को तोड़ देती है। अगर कोई तैयारी करता रहता है और सेलेक्शन नहीं होता है, तो मानसिक तनाव बहुत हो जाता है। इसलिए बैकअप जरूरी है।”
अभी तक का सफरः
उनके लिए स्कूल से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज तक का जीवन बहुत कठिन था। हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। परिवार ने हमेशा हौसला दिया। इससे अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना आसान हो गया। उन्हें आईएएस अधिकारी बनने का यकीन था। अगर आईएएस नहीं मिला, तो वह फिर परीक्षा देंगे।
उन्होंने 2017 में सैमसंग में नौकरी के दौरान ही सीएसई की तैयारी शुरू की थी। यूपीएससी में पहली बार 2018 में बैठे, लेकिन फेल हो गए। अगले साल यानी 2019 में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे। लेकिन फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना सके। सीएसई-2020 में वह प्रीलिम्स ही क्रैक नहीं कर सके। सीएसई 2021 में वह फिर इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे, लेकिन फिर फेल भी हो गए। आखिरकार 2022 में उन्होंने यूपीएससी क्रैक कर ही लिया और अपने सपने को हकीकत में बदल दिया।
यूपीएससी की परीक्षा देते समय एक मित्र के सुझाव पर उनके पास स्टेट पीसीएस की बैकअप योजना भी थी। उन्होंने 2018 में बिहार पीसीएस क्रैक किया और 2021 में रेवेन्यू अफसर बने। इसलिए कि रिजल्ट ही देर से आया था। उन्होंने दो बार यूपी पीसीएस भी क्रैक किया। उन्हें UPPCS 2019 में डिप्टी जेलर का पद मिला और UPPCS 2020 में एसडीएम के लिए चुना गया।
बैकग्राउंडः
उनके पिता सामान्य वस्तुओं की एक छोटी-सी दुकान चलाते हैं। मां गृहिणी हैं। वह माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उन्होंने बहराइच, यूपी से 97.6 प्रतिशत अंकों के साथ हाई स्कूल पास किया। फिर उन्हें स्कॉलरशिप मिली और उन्होंने 12वीं में 97.4 प्रतिशत अंक हासिल किए। दोनों में वह जिले के टॉपर्स की सूची में थे। फिर बैंक से कर्ज लेकर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग (बीटेक) की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद उन्होंने सैमसंग में एक साल तक नौकरी की। लगभग इसी समय मां ने उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए मजबूर किया। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सीएसई की तैयारी में जुट गए।
दूसरों को करते हैं गाइडः
ऐसे कठिन हालात में अपना करियर बनाने के साथ-साथ अब वह सिविल सेवा की तैयारी करने वालों की मदद भी करते हैं। वह महराजगंज में यूपी सरकार की अभ्युदय कोचिंग में पढ़ाते हैं। साथ ही अलीगढ़ में सिविल सेवा मार्गदर्शिका के छात्रों को ऑनलाइन गाइड करते हैं। इस उनके सीनियर एडीएम पंकज वर्मा ने स्टेट के सभी सिविल सेवा कैंडिडेट के लिए मुफ्त में शुरू किया था।
यूपीएससी की तैयारीः
उनकी पूरी तैयारी सेल्फ स्टडी पर थी। उन्होंने विभिन्न कोचिंग सेंटरों में सिर्फ मॉक इंटरव्यू दिए। वह ज्यादातर ऑनलाइन पढ़ाई करते थे। उनका कहना है कि सभी मटेरियल तो ऑनलाइन ही मिल जाता है, लेकिन गूगल की मदद लेने के लिए कैंडिडेट को सबसे पहले बेसिक सोर्स को जानना चाहिए।
उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट था- एंथ्रोपोलॉजी। उनकी रणनीति सिलेबस के हिसाब से चलने और एनसीईआरटी और अन्य रेफरेंस बुक्स से बेसिक स्टडी करने की थी। फिर शॉर्ट नोट्स बनाते हुए बार-बार रिवीजन किया।
उन्होंने कहा, “मैं जिस जगह से आता हूं, उसके लिए सरकारी नौकरी बहुत बड़ी चीज है। खुद को तैयार करना अपने आप में बड़ी चुनौती है। अंदर से आत्मविश्वास नहीं है। लेकिन उस सब के बारे में नहीं सोचना चाहिए और सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।”
इंटरव्यूः
चूंकि वह इस समय महाराजगंज में एसडीएम के पद पर काम कर रहे हैं, इसलिए सबसे ज्यादा सवाल उनके जॉब प्रोफाइल से थे। महाराजगंज जिले से जुड़े कई सवाल थे। जैसे वहां रोजगार और टूरिज्म की संभावनाएं। ऐसे सवाल भी थे, जैसे-बड़े जिले बेहतर होते हैं या छोटे? बड़े और छोटे जिलों के लाभ और नुकसान क्या हैं? फर्टिलाइजर और खेती, यूरिया का समझदारी भरा उपयोग, किसान आजकल यूरिया का अधिक उपयोग क्यों कर रहे हैं, आदि पर भी सवाल थे।
उनके कॉर्पोरेट जीवन पर भी सवाल थे। जैसे- सरकार और कॉरपोरेट सेक्टर में क्या चुनौतियां हैं? कौन-सा बेहतर है? कॉर्पोरेट की तुलना में सरकारी क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन क्यों नहीं करता है?
सलाहः
यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए सुझाव देते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग इस परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, उनके पास फाइनेंशियल बैकअप प्लान होना चाहिए। इस यात्रा में कम से कम दो से तीन साल लगते हैं। दूसरे, इसके लिए कैंडिडेट को इंटिग्रेटेड तैयारी करनी चाहिए। उन्हें यूपीएससी सीएसई के साथ-साथ स्टेट पीसीएस देनी चाहिए, ताकि उनके पास अधिक अवसर हों।
अंत में, वह सभी से पूरे लगन के साथ नियमित रूप से अध्ययन करने का आग्रह करते हैं। साथ ही हमेशा पॉजिटिव रहने को कहते हैं, चाहे कुछ भी हो जाए।
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