बोले UPSC CSE-2023 में प्रीलिम्स क्लियर करने वालेः एलिमिनेशन ट्रिक्स नहीं करेगी काम, CSAT मांगे अब साल भर की तैयारी
- Ayodhya Prasad Singh
- Published on 14 Jun 2023, 11:51 am IST
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हाइलाइट्स
- इस बार सिर्फ 14624 कैंडिडेट्स ही निकाल पाए UPSC CSE का प्रीलिम्स
- इंडियन मास्टरमाइंड्स ने कुछ प्रीलिम्स क्वालिफायर के साथ की बातचीत
- सबने कहा- इस बार के पेपर कठिन थे, इसके लिए चाहिए था गहरा ज्ञान
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बीते सोमवार को CSE-2023 प्रीलिम्स परीक्षा के रिजल्ट घोषित कर दिए। इस साल परीक्षा में शामिल होने वाले के लिए 13 लाख उम्मीदवारों ने फॉर्म भरे, जिनमें से केवल 14624 उम्मीदवारों ने क्वालीफाई किया। यह 1% से भी कम है। जबकि पिछले साल 11.52 लाख (1.14%) में से 13090 कैंडिडेट्स ने 2022 में मेन्स के लिए क्वालीफाई किया था। जाहिर है, प्रीलिम्स परीक्षा की सफलता दर केवल 1 प्रतिशत के आसपास है। इससे पता चलता है कि आईएएस, आईपीएस, आरएएस और अन्य अधिकारी बनने के लिए UPSC CS की यह पहली ही परीक्षा किस हद तक मुश्किल है।
लेकिन, इस साल जीएस और CSAT के दो पेपर वाली प्रीलिम्स (जिसमें सिर्फ क्वालीफाइंग मार्क्स की जरूरत पड़ती है) परीक्षा पिछले कुछ वर्षों की तुलना में काफी कठिन थी। इस वर्ष CSAT परीक्षा में कठिनाई के बढ़े हुए लेवल ने सक्सेस रेट को और कम कर दिया है। इस साल जानकारों की मानें तो जनरल के लिए कट ऑफ 75 से 85 के आसपास रहेगी।
इस वर्ष के प्रश्नपत्रों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इंडियन मास्टरमाइंड्स ने कुछ कैंडिडेट्स से बातचीत की। उनसे प्रीलिम्स में पूछे गए सवालों से लेकर परीक्षा की तैयारी पर पड़ने वाले प्रभाव तक को जाना।
CSAT बहुत कठिन तो जीएस फैक्ट्स आधारित हुआ:
लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव ने AIR 236 के साथ UPSC CSE-2022 क्रैक किया है। उन्हें IPS मिलेगा। लेकिन वह आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं। इसलिए इस बार प्रीलिम्स दिया और क्रैक भी कर लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें जीएस पेपर में 93 और 96 के बीच अंक मिल सकते हैं। इसलिए कि उन्होंने विभिन्न केंद्रों से मिले उत्तरों के जरिये पेपर का मिलान किया है।
पिछले साल उन्हें जीएस में 111 और सीसैट में 165 नंबर मिले थे। उन्होंने पिछले साल CSAT में 76 प्रश्नों का प्रयास किया था, जबकि इस वर्ष उन्होंने केवल 52 का प्रयास किया। उन्होंने इस तरह के बयान को मानने से इंकार किया कि इस साल सीसैट पेपर का कठिनाई स्तर आईआईटी और कैट जैसा था। लेकिन उन्होंने माना कि इस बार यह निश्चित रूप से कुछ अधिक ही कठिन था।
उन्होंने कहा, “मैथ के सवालों के कारण इस बार सीसैट यकीनन कठिन था। परम्यूटेशन और कॉम्बिनेशन से बहुत सारे सवाल थे, जो उन लोगों के लिए अधिक कठिन रहे जिन्होंने इंटरमीडिएट में मैथ नहीं पढ़ा था। इसे जनरल काउंटिंग कहा जा रहा है, लेकिन ऐसा है नहीं।
दूसरे, उन्होंने बताया कि समझना तुलनात्मक रूप से आसान था। जिन लोगों ने समझने का प्रयास किया है, उनके सही उत्तर पाने की संभावना अधिक होती है। आदित्य ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यूपीएससी ने मैथ्स को कठिन और कॉम्प्रिहेंशन को आसान कर संतुलन बनाने की कोशिश की।’
जहां तक जीएस पेपर का सवाल है, तो वह इससे सहमति जताते हैं कि इस साल के पेपर ऑप्शंस सेटिंग ऐसी थी कि एलिमिनेशन ट्रिक काम नहीं आई। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी को विषय की गहराई से जानकारी नहीं थी, तो वह सवालों के जवाब नहीं दे सकता। यदि किसी प्रश्न के तीन विकल्प हैं, तो आपको तीनों के बारे में जानना ही था।”
उन्हें यह भी लगता है कि सभी विषयों के प्रश्न थे और पेपर संतुलित थे, लेकिन जो अलग था- वह पूछे गए प्रश्नों का प्रकार था। उन्होंने कहा, ‘जैसे इकोनॉमिक्स के सवाल पहले कर सकते थे, क्योंकि इसमें वैचारिक सवाल पूछे जाते थे। लेकिन इस बार फैक्ट्स आधारित सवाल अधिक आ गए और आपको सटीक उत्तर आने ही चाहिए थे।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस बार यह कहना मुश्किल है कि किस विषय से कितने प्रश्न पूछे गए थे। जो थे, वे बहुत पेचीदा थे।
सीसैट ने छका माराः
आगरा की ऐश्वर्या दुबे ने अपने दूसरे प्रयास में 300 वीं रैंक के साथ UPSC CSE-2022 पास किया है और निश्चित रूप से IPS या IRS पाएंगीं। लेकिन आईएएस की उम्मीद में वह यूपीएससी सीएसई-2023 में भी बैठी हैं और प्रीलिम्स पास भी कर लिया है। बता दें कि यूपीपीसीएस-2022 में भी उन्हें 9वीं रैंक मिली थी।
उन्होंने भी माना कि इस साल पेपर वास्तव में कठिन थे। साथ ही कहा कि अगर किसी ने बहुत प्रैक्टिस की होगी, तो उनके लिए पेपर कठिन नहीं थे।
उन्होंने कहा, “CSAT पेपर ने बहुत अधिक प्रैक्टिस की की मांग की। परीक्षा के एक दिन पहले की पढ़ाई से इसे क्रैक नहीं किया जा सकता था। लेवल बहुत ऊंचा था। परम्यूटेशन और कॉम्बिनेशन के सवाल बहुत कठिन थे। काफी कैंडिडेट्स को इसे छोड़ना पड़ा। आमतौर पर यह सोचा जाता है कि इससे कम प्रश्न होंगे, लेकिन हुआ इसका उलटा। इस साल इससे ही अधिक सवाल थे।
जीएस के पेपर पर उन्हें लगता है कि यूपीएससी ने इस बार रणनीति बदली। उन्होंने कहा, “पहले एलिमिनेशन की रणनीति काम करती थी, भले ही आपको एक या दो ऑप्शन के बारे में पता न हो। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। अबकी सब पता होना चाहिए था। बाकी पेपर संतुलित था। इसमें सभी विषयों को शामिल किया गया था। शुरुआत में हिस्ट्री के प्रश्न थे, जिन्हें उन्होंने पहले हल किया।
यूपीएससी ने सबको दिया सबक :
अभिनेंद्र सिंह महज 23 साल की उम्र में ही एसडीएम बन गए थे। उन्होंने 32वीं रैंक के साथ UPPCS-2022 क्लियर किया था। अबकी यानी UPSC-2023 प्रीलिम्स भी क्रैक किया है। उन्हें लगता है कि यूपीएससी ने इस बार सभी को अच्छे से सिखा दिया है। इसलिए कि आमतौर पर तैयारी करने वाले पूरे साल जीएस की पढ़ाई करते हैं, और सीसैट को आखिरी दिनों के लिए छोड़ देते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं सीसैट में भी बार्डर लाइन पर था और मानता हूं कि मैंने इसकी अधिक प्रैक्टिस नहीं की थी। लेकिन समझ और लॉजिक के कारण मैं सफल हुआ। इसलिए अब से सीसैट का भी पूरे वर्ष प्रैक्टिस करना है। मैं अपने कई दोस्तों को जानता हूं, जिन्होंने इस तरह सीसैट की प्रैक्टिस की थी और 80 से 100 अंकों तक बहुत अच्छा स्कोर किया।”
जीएस पर उन्हें लगता है कि यूपीएससी बहुत स्पष्ट है कि एलिमिनेशन की चाल को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा, “प्रीलिम्स में यूपीएससी अब उनको चुनने पर ध्यान दे रहा है, जो बेसिक बातों में अच्छे हैं और गहरा ज्ञान रखते हैं।”
इस साल रह गएः
दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने 667 रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई 2022 पास किया है। वह बेहतर रैंक की उम्मीद में प्रीलिम्स-2023 में बैठे थे। उम्मीद थी कि इस बार आईएएस अधिकारी बन जाएंगे, लेकिन वह प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं कर पाए।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं सीसैट के पेपर की वजह से पास नहीं हो पाया। यह बहुत कठिन था। उन्होंने मैथ को रीजन्स के साथ जोड़ दिया था। मैं ऐसे सवालों का सही जवाब नहीं दे सका।”
इस बार कोशिश नहीं करने की खुशीः
सीएसई 2022 में 736 रैंक हासिल करने वाली मॉडल से नौकरशाह बनीं तस्कीन खान ने कहा कि वह इस बात बहुत खुश हैं कि उन्होंने इस साल प्रीलिम्स नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि इस बार सीसैट का पेपर बहुत कठिन था। ऐसा कि अधिकतर आईआईटी जैसी बैकग्राउंड वाले ही अच्छा कर सकते थे।
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