आर्मी क्वार्टर से सिविल सर्विस तक: भारतीय सेना के अधिकारी की बेटी ने चौथे प्रयास में पास किया UPSC
- Muskan Khandelwal
- Published on 17 Jun 2023, 10:29 am IST
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हाइलाइट्स
- गोवा की सौम्या कुमारी ने चौथी कोशिश में AIR 502 के साथ पास की UPSC CSE-2022
- स्थानीय लोगों के जीवन पर दक्षिण गोवा प्रशासन के पॉजिटिव प्रभाव से प्रेरित होकर किया सिविल सेवाओं में करियर बनाने का फैसला
- आर्मी बैकग्राउंड ने उन्हें अलग-अलग हालात में जल्दी से ढलने में मदद की, जो उनकी यूपीएससी यात्रा में फायदेमंद साबित हुई
यूपीएससी की तैयारी में आर्मी बैकग्राउंड का होना सौम्या कुमारी के लिए वरदान साबित हुआ। वरना रोजाना घंटों पढ़ाई करना उनके लिए आसान नहीं होता। गोवा की रहने वाली और रिटायर सेना अधिकारी की बेटी ने चौथी कोशिश में 502 रैंक हासिल करके इस कठिन परीक्षा को पास किया है।
2022 की सफल कैंडिडेट्स की लिस्ट में उनका नाम देखने से न केवल उनके लिए, बल्कि उनके माता-पिता के लिए भी बड़ी राहत और खुशी का एहसास होता है।
मजबूत इरादे का परिणाम
यूपीएससी लक्ष्य की ओर सौम्या के कदम एम.टेक के पहले वर्ष के दौरान बढ़े। तब उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया। हालांकि, उसी वर्ष उनका पहला प्रयास निराशा के साथ समाप्त हुआ, क्योंकि वह प्रीलिम्स राउंड ही पास नहीं कर सकीं।झटके से विचलित हुए बिना उन्होंने एम.टेक के अपने दूसरे वर्ष के दौरान दूसरा प्रयास किया। इस बार वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंची, लेकिन अंतिम सलेक्शन में जगह बनाने से चूक गईं। सफल होने के लिए मजबूत इरादा बनाते हुए उन्होंने फिर प्रयास किया। लेकिन उनका तीसरा प्रयास भी प्रीलिम्स राउंड में ही फिर रुक गया।
इंडियन मास्टरमाइंड्स से बातचीत में उन्होंने कहा, “आखिरकार चौथी कोशिश में जाकर कड़ी मेहनत का फल मिला। इस बार मैं 502 रैंक हासिल करने में कामयाब रही, जो मेरे लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है।”
प्रेरणा
अपने घर के पास सड़क निर्माण के दौरान लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को हल करने में दक्षिण गोवा जिला प्रशासन की प्रभावशाली भूमिका से वह बेहद प्रभावित थीं। इतनी कि उससे उन्हें सिविल सेवा में करियर बनाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, “मैंने पहली बार देखा कि कैसे नौकरशाह लोगों के जीवन को पॉजिटिव रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इसने मुझे जुनूनी बना दिया। इतना कि मुझे सिविल सेवाओं को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।”
सेल्फ स्टडी
सीमित समय और संसाधनों के साथ सौम्य ने सेल्फ स्टडी का रास्ता चुना। उन्होंने पिछले टॉपर्स की बताई किताबों का सावधानी के साथ अध्ययन किया। सिलेबस को समझने पर ध्यान केंद्रित किया। इसके अलावा जियोग्राफी एक ऐसा विषय था, जिसमें स्कूल के दिनों से ही उनकी गहरी रुचि थी। इसलिए उनके लिए यह ऑप्शनल सब्जेक्ट बन गया। यह निर्णय फायदेमंद साबित हुआ, क्योंकि इससे उन्हें जनरल स्टडी के पेपर के पर्याप्त हिस्से को भी कवर करने में सहूलियत मिल गई।
भारतीय सेना के एक रिटायर अधिकारी की बेटी के रूप में सौम्या का बैकग्राउंड उनकी तैयारी में मददगार साबित हुई। पिता के बार-बार के ट्रांसफर के कारण उन्हें विभिन्न राज्यों में रहने और अलग-अलग बैकग्राउंड के लोगों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। इस अनुभव ने उन्हें नए माहौल को जल्दी से आत्मसात करने और विभिन्न संस्कृतियों के अनुकूल होने में मदद की, जो सिविल सेवाओं की यात्रा में फायदेमंद साबित हुई।
इंटरव्यू राउंड
सौम्या ने इंटरव्यू राउंड के लिए अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कई मॉक टेस्ट दिए। विभिन्न संस्थानों से सलाह मांगी, जिनमें एनएसीएस (NACS ) बिहार और झारखंड शामिल हैं, जो अपने मॉक इंटरव्यू और डिस्कशन के लिए जाने जाते हैं।
उन्होंने कहा, “पैनेलिस्टों ने मेरे ऑप्शनल सब्जेक्ट, मेरे रिसर्च पेपर, मेरे गृह राज्य और सिविल इंजीनियरिंग सहित कई विषयों पर मुझसे सवाल किए।”
सलाह
हालांकि सौम्या प्रीलिम्स-2023 को पास नहीं कर सकीं, लेकिन उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए कीमती सुझाव दिए हैं। उन्होंने प्रीलिम्स के वर्तमान फार्मेट से निपटने के लिए एक अलग नजरिया अपनाने पर जोर दिया। साथ ही फोकस के साथ पढ़ने की योजना का सुझाव दिया, जो सोर्स को सीमित करती है और सिलेबस पर टिकाए रखती है।उन्होंने कैंडिडेट्स को ऑनलाइन रिसोर्स का अधिक से अधिक उपयोग करने को कहा। उन्होंने चुनौतीपूर्व तैयारी के दौरान मेंटली फिट रहने पर भी जोर डाला।
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